आदमी की रोजाना जिंदगी
दो सांसो के लिये देह को पोसना पड़ता है अस्मिता को बनाये रखने संबंधो को सवारना पड़ता है फिर, देह को पोसने के लिए श्रम की जरूरत है फिर, संबंधो को सवारने के लिए व्यवस्था की जरूरत है श्रम यानि सारे अर्थ-कलाप व्यवस्था यानि सत्ता, संघर्ष, प्रतिरक्षा, नीति-नियम, कायदे. इसतरह दो सांसो और अस्मिता का ही फैलाव है आदमी की यह रोजाना जिंदगी -अरुण