मन ललच जाता है



सुगंध फूलों की समीप आती है
मन की सुखद तारों को छेड़ देती है  
फिर अचानक मन
बहक जाता है
फूलों को तोड़ने के ख्याल से
ललच जाता है
-अरुण  

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