साप बलात्कार का



साप बैठा है मन-जगत में ,जगत-मन में,
राजधानी की सड़कों पर चिल्लाने से कुछ न होगा
हाँ कुछ कायदे होगे, वायदे होगे, कुछ को सजा भी दी जाएगी
और ये विरोध-महोत्सव भी चलते ही रहेंगे साथ साथ
-
अरुण

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