बदन हो किराये का मकान..



जिसके लिए बदन हो किरायेका इक मकान
उसको न चाहिए कुई चादर मज़ार पर
-अरुण

Comments

Popular posts from this blog

मै तो तनहा ही रहा ...

यूँ ही बाँहों में सम्हालो के

पुस्तकों में दबे मजबूर शब्द