सत्य का पुनर्जीवन

क्रोध ही क्रोध को मिटाना चाहे

मोह ही मोह से निपटना चाहे

ऐसी नाकाम कोशिशों के परे

जो भी है, खुद में लौटना चाहे

.............................................. अरुण

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