तात्पर्य गीता अध्याय ६

नाम नाम के भेद से चीज चीज में भेद /

जब अनाम चित जागता सोये भेदाभेद //

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कर्म ज्ञान तप भजन के मारग हैं भिन भिन /

सभी पहुंचते एक को होत समाधीलीन //

................................................ अरुण

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