तात्पर्य गीता अध्याय ७

जल में घट डूबा पड़ा, घट जल से भर जाय /

अंदर-बाहर इक समझ, चित जिससे भरमाय //

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देह-भावना डालती, चित में इच्छा-बीज /

काम क्रोध जस द्वैत बिन, नही दिखती कुई चीज //

................................................ अरुण

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