तात्पर्य गीता अध्याय १

मोह्भारी करुणा धरे अर्जुन हुआ उदास /

बड़ी बड़ी बातें करे , करे सत्य उपहास //

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स्वार्थमयी जो युद्ध है युद्ध महज लहुपात /

ज्ञान ध्यान धर जो घटे युद्ध पाप के साथ //

................................................ अरुण

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