मस्तिष्क का रासायनिक संतुलन
अब जब कि
ये बातें साफ हो गईं हैं कि
मस्तिष्क के सुचारु रूप से
काम करने के लिए
जो बातें जिम्मेदार मानी जाती हैं उनमें
भीतरी रासायनिक संतुलन की भी
गणना होती है
ऐसा संतुलन बिघड जाने की स्थिति में भी
मस्तिष्क के
सामान्य क्रिया कलापों में दोष पैदा हो सकता है
फलतः मनुष्य का सामाजिक समायोजन और
कौशल्य भी विपरीत ढंग से प्रभावित होता है
...............
इन सब बातों का जिक्र
केवल यह सुझाने के लिए है कि
हमारे द्वारा यह मान लेना कि
हमारे बुद्धिमतापूर्ण आचरण का सारा श्रेय हमें ही है
हमारी गहरी भूल है
....................................... अरुण
Comments