बात सही और सही अंदाज में भी
स्वास्थ्य से जुड़े
आचरण और दैनिक आदतों को
स्वास्थ्य के अनुकूल ढालने के लिए
मरीजों, संभावित मरीजों और उनसे
सम्बंधित लोगों को जिस प्रकार की
स्वास्थ्य-शिक्षा दी जाती है
उसके बारे में एक बात ठीक से
ध्यान में रहे , वह यह कि
“बात कहनी है सही, सही अंदाज में मगर
जिससे सुननेवाले की बदल जाए नजर”
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सही बात को ( जानकारी या तथ्यों को)
जब बतलाया या सिखाया जाए तब संवाद भी
सही या प्रभावकारी होना चाहिए
इतना प्रभावी की बात या संवाद को सुनते ही
सुननेवाले की सोच में, उसके दृष्टिकोण में
सकारात्मक बदलाव हो जाए
चूँकि आचरण का बदलाव- यह फल है दृष्टिकोण और मानसिक सोच के बदलाव का,
संवाद-विषय को प्रभावी ढंग से अभिव्यक्त
करने की कला का महत्व अधिक है
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अनुभव यह है की संवाद- कार्यकर्ताओं को इस कला के बारे में कम और
संवाद विषय पर ही अधिक जोर देकर प्रशिक्षण दिया जाता है
....................................................................................... अरुण
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