प्रतिबिम्ब या दृष्टि बिम्ब




आइना थी आंख पहले दृश्य दिखता हुबहू
आँख ने अब मन मुताबिक देखना चालू किया
  -अरुण


Comments

Popular posts from this blog

लहरें समन्दर की, लहरें मन की

तीन पोस्टस्

जो जैसा है वैसा ही देखना