राजनीतिज्ञ योद्धा भी और व्यापारी भी



योद्धागण शस्त्र से
युद्ध लढते थे
और जीतते-हारते थे.
अब एक व्यापारी की तरह
धन का शस्त्र चलाकर  
चुनाव जीता या हारा जाता है.
इस चुनाव-युद्ध में जीतनेवाला,
दोनों चीजें हासिल करता है,
सत्ता भी और
सत्ता के बलपर
धन भी
-अरुण


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