सबक अनायास भुला दिए गए हों
जीवन में पल पल मिलने वाले
सबक पूरी तरह समझ में आते ही
अनायास भुला दिए जाते है.
ऐसे अनायास भुलाये सबक
जीवन पर कोई बोझ नहीं छोड़ते,
बल्कि जीवन से एकरूप हो जाते हैं.
सबक यदि अधूरे समझे गयें हो
तो उनकी याद का बोझ
हमारे जीवन को दबा देता है
ऐसे सबक जीवन से एक रूप नहीं हो पाते
-अरुण
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