किसे आस्तिक न कहें



जो आदमी भगवान से
किसी इच्छा से या भय के कारण
कुछ मांगता है,
वह आस्तिक नहीं है

जो भगवान के होने को स्पष्टतः  
(empirical knowledge)
जानता है,
वह भगवान से
कोई अपेक्षा नहीं रखता और
न ही किसी भी संकट के लिए
उसे जिम्मेदार ठहराता है.

वही सही माने में आस्तिक है,
इसलिए भी,
क्योंकि उसे
अपनी क्षमताओं और मर्यादाओं,
दोनों की सही समझ होती है.
-अरुण  

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