आज दीपावली की सुबह.....


आज दीपावली की सुबह एक दीप
मन में प्रकाशित हुआ...
मन में यह सवाल उठा कि..... 

जब एक, पैर से विकलांग व्यक्ति
दूसरे पैर से विकलांग व्यक्ति को,
गाली देने के लिए –‘अबे लंगड़े’- ऐसे शब्दों का
इस्तेमाल नहीं करता,
तो फिर मै क्योंकर
दूसरों को अपमानित करने के लिए
अहंकारी, मूर्ख, आपमतलबी या
स्वार्थी जैसी संज्ञाओं का प्रयोग करता हूँ ?
-अरुण

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