भगवान चुना नहीं, खोजा जाता है



आदमी को भरोसे की जरूरत है,
भरोसा रखने के लिए वह जिस
आधार का चुनाव करता है
उसी को भगवान मान लेता है
कुछ ही हैं
जो भगवान का चुनाव नहीं
उसकी खोज करते हैं
-अरुण

Comments

Popular posts from this blog

मै तो तनहा ही रहा ...

पुस्तकों में दबे मजबूर शब्द

यूँ ही बाँहों में सम्हालो के