उस समय गुजरातीयों ने मोदी को क्यों चुना था ?
लोक
मन बड़ा चंचल है
Feast
after Fast and Fast after Feast
जैसी
कहावत को खरा कर देता है
भारत
के लोकमन की यही अवस्था है.
एक
लम्बी कालावधि की पृष्ठभूमि में,
भारत
को कभी
गाँधी
(महात्मा) चाहिए होता है तो कभी “मोदी”
अगर
मोदी चाहिए, तो यही योग्य होगा कि
गुजरात
के मन में घुसकर यह जाना जाए की
२००२
की घटना के बाद के चुनाव में
गुजरातीयों
ने मोदी को क्यों चुना था ?
विकास
के लिए या किसी और कारण से
और उसके बाद भी चुनते रहे तो क्यों?
और उसके बाद भी चुनते रहे तो क्यों?
-अरुण
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