आदमी और उसका भीडपन



आदमी अपनी सुरक्षा के लिए
अपनी भीड़ बनाकर रहने लगा,
उस भीड़ ने अपना ‘भीड़पन’
सुरक्षित रखने के लिए
आदमी में से उसका ‘आदमीपन’
निकलकर उसे एक मशीनी पुर्जा बना डाला.
अब दोनों एक दूसरे का इस्तेमाल करते  
दिखते हैं
-अरुण  

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