एक हद तक – नास्तिक और आस्तिक में कोई भेद नहीं
सच्चे
नास्तिकों और सच्चे आस्तिकों में
एक
विशिष्ट हद तक
कोई
भिन्नता नहीं है.
नास्तिक
की रूचि झूठ को चुन चुन कर
उसकी
अवहेलना करने में होती है तो
आस्तिक
की रूचि झूठ के परे बसे
सत्य
को अनुभूत करने में
-अरुण
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