होता है या नहीं होता – इस बीच कुछ नहीं
सत्य
आंशिक नहीं होता,
होता
है या नहीं होता,
प्रेम
अगर इसपर है उसपर नहीं
तो
वह प्रेम ही नहीं है,
यही
बात नम्रता के बारे में भी सही है.
दरअसल
इन सब गुणों के लिए समानार्थी शब्द है
‘पूर्णत्व
या भक्ति’
जो
आंशिक हो ही नहीं सकती
-अरुण
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