अब भी वही जेहन है जिद्दोजहद लिए ..



अतीत में घटी विरली घटनाएँ याद बनकर टिक जाती हैं. मतलब यही कि अतीत में भी अविरली यानि सामान्य घटनाएँ वैसी ही घटती थी जैसी आज घट रही है. आदमी आदम से लेकर आज तक वैसा ही रहा है... वही जिद्दोजहद, वैसी ही परेशानियाँ, वैसे ही उत्सव, दुःख भुलाने की वैसी ही तरकीबें.... मन को रीझनेवाले वैसे ही मनोरंजन..... उनके स्वरूप बदलते रहे हैं पर भावानुभाव तो वही रहा है एक जैसा.
-अरुण  

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