जागृति' यह शब्द, Awareness और Consciousness दोनों पर लागू करने का प्रचलन है । परंतु दोनों अंग्रेजी शब्दों का आशय भिन्न है । Consciousness हमेशा आंशिक होती है ।....आदमी जागता होता है या स्वप्न देखता या गहरी नींद में होता है। जब वह जागता होता है, उसे स्वप्न या नींद की, जब स्वप्न देखता होता है, उसे जाग या नींद की.....कोई ख़बर नहीं होती। इसी तरह, नींद में वह बाक़ी दोनों अनुभूतियों के बारे बेख़बर होता है। Awareness हमेशा ही जागृत (Being) है । जाग,स्वप्न और नींद- तीनों की उसे ख़बर हो जाती है, इसीलिए आदमी हर स्थिति से गुज़रने के बाद, उस अवस्था से गुजरने को पहचान लेता है, - हाँ मै जाग रहा था, पूरी तरह से सो रहा था, सपने देख रहा था,..... ऐसे वक़्तव्य कर पाता है..... यह सूचित करने के लिए कि... वह Conscious था, Sub-Conscious था, वह Unconscious अवस्था से नज़दीक़ था। बुद्ध लोग जिस Choice less Awareness (निर्विकल्प समाधि) की बात करते है, वह Awareness की वह परिपूर्ण अवस्था है जिसमें Consciousness की आंशिकता ओझल होकर Awareness के स्वरूप में रूपांतरित हो जात...