उपयोग Vs उपवास

मन-बुद्धि का उपयोग करते हुए,
अपने 'स्मृति-ज्ञान-अनुभवों' के आधार पर
आदमी नये को जानता है ।
परंतु मन-उपरांत या मनोत्तर अवस्था का बोध,
मन-बुद्धि एवं 'स्मृति-ज्ञान-अनुभवों' के
उपयोग से नही, उसके उपवास  में ही घट पाएगा ।
उपवास यानि अवधानपूर्ण सानिध्य
- अरुण

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