हल चाहिए या समाधान ?


मानसिक स्तर पर....जो स्थिती चुबती है उसे समस्या मान लिया जाता है। वैसे जिसे समस्या कहा जाये, ऐसी कोई बात  होती ही नही। विचित्र बात तो यह है कि हर समस्या का हल किसी दूसरी समस्या में ही होता है और जब...वह भी चुबने लगती है तब नये हल की खोज  यानि.. नई समस्या की खोज शुरू हो जाती है । तात्पर्य यह कि समस्या का जन्म कभी रुकनेवाला नही ।
ऐसी समझ जो चुबन को ही जन्मने से रोक दे.... वही है सही छुटकारा जिसे हल नही .. समाधान कहना होगा ।
- अरुण

Comments

Popular posts from this blog

मै तो तनहा ही रहा ...

पुस्तकों में दबे मजबूर शब्द

यूँ ही बाँहों में सम्हालो के