आओ, कोई हमें ठगों
झूठे विचारों, भावनाओं और चमत्कारों का
प्रचार कर लोगों को ठगनेवालों पर
क्रोध आना स्वाभाविक है
परन्तु यह क्रोध और भी बढ़ जाता है
यह देखकर कि
लाखों की तादाद में लोग खड़े हैं
लाईन लगाकर
और कह रहे हैं
आओ, कोई हमें ठगों
................................... अरुण
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