सत्य केवल संचार

न सत्य कुछ जानता है

न कुछ पहचानता है

न तो वह ज्ञानी है और न अज्ञानी

उसका कोई नाम नही

कोई धाम नही

हाँ , उसे जानने के लिए

असत्य की कोशिशे जारी हैं सदियों से

इच्छा, विचार, प्रयोजन नामक

असत्य आदमी का मन बन कर

सत्य को जानना चाह रहा है

जब तक जानना है

प्रयास व्यर्थ हैं

क्योंकि सत्य जानना नही

जीना है

सत्य को जीनेवाला ही

सत्य का संचार है

संवाद नही

संवाद की जरूरत असत्य को है

सत्य केवल संचार है

.................................. अरुण




Comments

Udan Tashtari said…
सत्य है...


बढ़िया रचना.

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