मानुष ना हम जन्म से......
अनुवांशिकता और जन्मोपरांत का लालन पोषण
दोनों के मिलन से बना रसायन
निर्धारित करता है कि
पृथ्वी पर आए प्राणी को
मनुष्य कहा जाए या लोमड़ी या कुछ और
मनुष्य के पिल्ले को जंगल में उठाकर ले गई लोमड़ी के यहाँ पला बढ़ा
वह पिल्ला लोमड़ी की तरह ही आचरण करने लगा-
यह सत्य कथा प्रायः सब को ही पता है
निष्कर्ष यह कि हम जन्म से मनुष्य नही है
जैसा और जहाँ लालन पोषण हुआ वैसे ही हम ढले
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मानुष ना हम जन्म से मानुष एक विकास
जिस प्राणी का पालना उसका मुख में ग्रास
............................................................... अरुण
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