लहरें समन्दर की, लहरें मन की

धीमी-धीमी मृदुल हवा से

गतिमान

समन्दर की लहरें हों

या

बवंडर से आघातित

ऊँची ऊँची उछलती लहरें

समन्दर की लहरों में हमेशा ही

एक लय बद्धता है

उनमें कोई आतंरिक संघर्ष नही

सभी लहरें एक ही दिशा में

एक ही ताल, रिदम में चलती, उछलती हुई

परन्तु

मन की लहरें आपस में ही भिड़ती,

एक दूसरे से जुदा होते हुए

अलग अलग दिशा में भागती

तनाव रचती,

संघर्ष उभारती

मन की लहरें

समन्दर की लहरों के पीछे एक ही निष्काम-शक्ति है

मन की लहरों के पीछे परस्पर विरोधी इच्छा-प्रेरणाएँ

............................................................. अरुण

Comments

ASHOK BAJAJ said…
या देवी सर्वभूतेषु शक्तिरूपेण संस्थिता ! नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नम:!!

नवरात्रि पर्व की हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएं...

कृपया ग्राम चौपाल में आज पढ़े ------
"चम्पेश्वर महादेव तथा महाप्रभु वल्लभाचार्य का प्राकट्य स्थल चंपारण"
Asha Joglekar said…
मन की लहरों का क्या कहना इन पर अपना वश कहां ।
समुद्र का वश होता है उन लहरों पर ।

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