छोटी छोटी बातें भी .......

आकाश गंगा में पसरे तारों में से कोई

एक विशिष्ट तारा किसी को दिखाना हो तो

सामने के पेड की ऊँची टहनी पे लटके

किसी एक पत्ते को निशाना बना कर

उसके छोर से

वह तारा देखनेवाले की नजर में

लाया जाता है

तारा उस पत्ते से हजारों प्रकाश-वर्ष दूर है

फिर भी वह पत्ता

तारे को देखने का

साधन बन जाता है -----

जिनका प्रत्यक्ष कोई भी वास्ता नही,

ऐसी छोटी छोटी बातें भी जीवनदृष्टि प्रदान कर देती हैं

....................................................... अरुण

Comments

आपकी इस कविता से मुझे अपनी बात याद आ गयी जब मैं अपने दोस्त का ध्यान भटकाने के लिए उसे तारा दिखाती थी, वह भी आपकी ही तरह एक पत्ते का सहारा ले के.
बहुत अच्छी रचना!

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