मानसिक प्रदूषण

आदमी की साँस तो ताजी है

पर साँस लेता यह आदमी

अपने हर जीते क्षण में

पुराना ही है क्योंकि

उसके हर बीते क्षण में ही

उसके प्राण जी रहे हैं

..............

प्राण पुराने- सिर्फ साँस नई

और इसतरह

हर नई साँस प्रदूषित है

आदमी के

इतिहास द्वारा, उसकी स्मृति द्वारा

...................................... अरुण

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