मीडिया भी ध्यान में रखे
भ्रष्टाचार के विरोध में
जन-मन के भीतर दबा गुस्सा
सत्याग्रहों के माध्यम से प्रगट हो रहा है.
इस पूर्व- संकेत का उपयोग
राजनीतिज्ञ और समाज-प्रतिनिधि,
दोनों ही किस तरह से करते हैं
यह देखनेवाली बात होगी
दोनों की यह जिम्मेदारी है कि
लंबे समय में जनता के हित में कैसा बदलाव
श्रेयस्कर होगा इस पर गंभीरता से
चिंतन करें और इसके बाद ही किसी
निर्णय और एक्शन का उपयोग करें
गुस्साई जनता को इससमय
जो प्रेयस लग रहा है
उसी को आधार बना कर
किसीभी कारवाई तक पहुँचना
जनता के हित में न होगा, -
यह बात दोनों के साथ साथ
मीडिया भी ध्यान में रखे
........................................ अरुण
Comments