भारतीय संसद अब रामलीला मैदान में
जनतांत्रिक व्यवस्था के अंतर्गत
सभी जन- निर्णय बहुमत के
आधार पर लिए जाते है
ताकि शासनतंत्र में जनता का
सही प्रतिनिधित्व
प्रतिबिंबित हो
इस व्यवस्था के उपयोग से जनता
अपना मत, आग्रह, प्रतिक्रिया, दृष्टिकोण
अभिव्यक्त कर
उसे लागू कराने का प्रयोजन एवं
अधिकार रखती है
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परन्तु यदि बहुसंख्यकों में
किन्ही कारणों से
असंतुलित एवं विवेकहीन प्रतिक्रिया का दौर
प्रबल हो चुका हो तो
सारी जनतांत्रिक व्यवस्था
अराजकता की दिशा में चल पड़ेगी
इस बात की पूरी सम्भावना बनाती है
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देश में फैले भ्रष्टाचार और
और उसकी सतत चलती व्यापक चर्चा से
त्रस्त हुई जनता को
तथाकथित ‘लोकमान्य’ सत्याग्रही
उच्च-विचारों की बड़ी बड़ी बातें सुनाकर
अराजकता की ओर बहकाते दिखते हैं
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देश की संसद अब रामलीला मैदान में
शिफ्ट हो चुकी प्रतीत होती है
.................................................... अरुण
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