लोक-संग्रह भी .....
संग्रह से शक्ति हासिल होती है
धन संग्रह, सूचना-संग्रह, सुविधा-संग्रह,
बल-संग्रह की है तरह
लोक-संग्रह भी
शक्ति-प्रदर्शन का मोह
जगाता है
भारत में इस समय
इस तरह के
शक्ति-प्रदर्शन की कुछ घटनाएँ
चर्चा का विषय बन गयी हैं
एक या दो व्यक्तियों के
अमर्याद- लोक-संग्रह को देखकर
सभी राजनैतिक शक्तियां भी
डरी हुई दिखती हैं
कुछ सामाजिक-सांस्कृतिक संगठन भी
इस शक्ति-प्रदर्शन की धारा में
अपना एजेंडा पूरा करने की
फिराक में हैं
........................................... अरुण
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