इक अनंत सागर है
नदी बहती है
किनारे भी बहते हैं
साथ जीवन क्षण-धारा के
सांसो के तट भी बहते हैं
गंध मधुर बिखराते सुमनों सा यह जीवन
प्रेम सुरस पसराते सुजनों सा यह जीवन
जीवन यह करुणा है जीवन है प्रेमभाव
जीवन के सागर में जीवन की चले नाव
उसमें ही प्रेम सकल भरी हुई गागर है
उसमें ही करुणा का इक अनंत सागर है
................................................ अरुण
Comments