खुशी से दूर कहीं ......

कभी मंदिर कभी पूजा,

स्वयं भुलाए हुए

खुशी से दूर कहीं

हम खुशी को ढूंढते है

........................................................ अरुण

Comments

Popular posts from this blog

लहरें समन्दर की, लहरें मन की

जो जैसा है वैसा ही देखना

लफ्जों की कश्तियों से.........