नींद टूटी तो....


नींद टूटी तो स्वप्न-कांच महल टूट गये
हुआ पानी नसीब प्यासे अधर रूठ गये

होश में आने का है सिलसिला घडी हर घडी
इक घडी पूरे भरे दूसरी में फूट गये

वो हंसी झोंके थे नैया को बहाने वाले
थे हकीकत के बवंडर जो उन्हें लूट गये

बाद संयोग के चल आये किसी उपवन में
हम इधर आये मगर नैन उधर छूट गये

हर बनी आस तो सपने का ही एक रूप है दोस्त
जागकर देखनेवालों के साँस टूट गये

-अरुण  

Comments

बहुत खूब ... लाजवाब लिखा है ...
बहुत सुंदर भावपूर्ण प्रस्तुति|
गणतंत्र दिवस की हार्दिक शुभकामनायें|

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