स्वेच्छा का माहोल और सक्ती का संतुलन


जड़ों को और तनों को, दोनों को
सुरक्षित वातावरण और पोषण मिले
तभी पेड पौधे खुशीसे बहरते,लहराते हैं
व्यक्ति और उसके वातावरण
दोनों में अनुकूल बदलाव जरुरी है
और यह बदलाव स्वैच्छिक हो.
और स्वेच्छा का माहोल बनाने के लिए 
जितनी सक्ति (आग्रह) चाहिए
उतनी ही हो, न अधिक और न कम 
.............................................. अरुण

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