चली आओ ...
(पुराने फिल्मी गीतों की याद दिलाने के लिए)
सुलाने धडकनों को तुम चली आओ
समाने मेरी बाँहों में चली आओ
अभी अरमान प्यासे हैं अभी ये रात फीकी है
तुम्हे नजदीक लाने की जिगर में आस तीखी है
सजाने जिंदगी को तुम चली आओ
समाने मेरी बाँहों में चली आओ
ये दिल का साज चुप चुप है अभी मेहेफिल भी सुनी है
ये सजे इश्क सुनने की तमन्ना आज दूनी है
बजाने तार दिल का तुम चली आओ
समाने मेरी बाँहों में चली आओ
घटाएँ आज थमके हैं नज़ारे नही अभी गुम हैं
चली आओ चली आओ ये धीरज भी बहुत कम है
जगाने सब नज़ारे तुम चली आओ
सामने मेरी बाँहों में चली आओ
- अरुण
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