पागल लगते हैं


यहाँ झूठ ही सच का किरदार निभाता है,
अँधेरे पर सफेदी चढाकर
फिर इसी सफेदी की वजह से दुनिया उजली दिखती है
और ऐसे ही बनावटी उजाले में
चल रहा है दुनिया का सारा कारोबार
इस कारोबार में,
जो निपुण है अच्छे लगते है,
जो अकुशल है कच्चे लगते है
और जो इस कारोबार में नही हैं
पागल लगते हैं
........................................ अरुण      

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