संगीत और जीवन-गीत में बहुत समानता है
शास्त्रीय संगीत में हरेक थाट के स्वरों में से
कुछ को चुनकर उनके उलट फेरों से
रागों का अविष्कार किया गया है
और अब उनमें से हरेक राग के आधार पर
अलग अलग भाव अभिव्यक्तियाँ
वाले गीत बनाये दिखते हैं
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शुद्ध चेतना की उर्जा के
अलग अलग स्वभाव हैं (थाट)
अनुभूति के माध्यम से
विषयों की निर्मिति हुई है
एक ही विषय को अलग अलग भावनाओं से
अभिव्यक्त किया जाता है
संगीत और जीवन-गीत में बहुत समानता है
........................................... अरुण
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