समय

समय की धार पे बहता है जिंदगी का जहाज

कई अरमान गम समेटे हुए

कभी सुबह तो कभी अंधकारमय रातें

सभी दिशा से साँस लेते हुए

समय की धार को कोई नही बदल पाए

आएँ जाएँ भले ही कितने जहाज

सुबह हो रात हो कैसा भी हो समां मंजर

समय का सबसे एक जैसा मिजाज

.................................................... अरुण

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