रास्ता ही खींच लेता है


आध्यात्म के क्षेत्र में
प्रेममयी, प्रेरणादायी सहज और सरल
मार्गदर्शन की जरूरत है
ऐसे मार्गदर्शन में मार्गदर्शी की
स्वतंत्रता बनी रहती है 
वह अपने को
यह करो या यह न करो जैसे
निर्देशों से बंधा महसूस नही करता
सही रास्ता उसे सहज आकर्षित कर लेता है  
-अरुण

Comments

Popular posts from this blog

मै तो तनहा ही रहा ...

यूँ ही बाँहों में सम्हालो के

पुस्तकों में दबे मजबूर शब्द