सफर अंधा और मुसाफिर भी अंधा
जिस दुनिया में
सांसारिकता विचरती है
वहाँ अँधेरा है.
सफर अंधा और
मुसाफिर भी अंधा.
मुसाफिर के पास
अँधेरे की चमक
देखने वाली ऑंखें है
और सफर के रास्ते में
अंधे को दिख सकने वाली
चमचमाती रोशनी.
तमसभरी यह सांसारिकता
प्रवचनों और ग्रंथों को सुन-पढकर
चाहे जितनी भी कोशिश करे,
सांसारिकता के तमस को
देख नही सकती और न ही
असली रोशनी को पहचान सकती है
-अरुण
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