जिंदगी जीना भूल गये हैं


जिंदगी जीना भूल गये हैं
जिंदगी के बाबत बने सिद्धांतों को ही जी रहे है
.....अब कोई कहे कि कुछ न करो
सिर्फ अंदर-बाहर से निहारते रहो
इस जिन्दा जिंदगी को,

दूसरों से सीखी बातों में न भटको,
अपनी ही पल पल की सच्चाई पर ठहरकर
जानो इस जिन्दा जिंदगी को
... तो बात मुश्किल लगती है

क्योंकि हमारी रूचि जिंदगी जीने में नही
किसी सिखाई बातों में ही उलझ जाने में है
प्यास को जानने में नही
पानी को समझने में है
-अरुण  

Comments

Popular posts from this blog

मै तो तनहा ही रहा ...

यूँ ही बाँहों में सम्हालो के