यह सच न भूल जाना


करता नही कुई भी, सब यूँ ही हो रहा है
करना-ओ- करनेवाला दोनों ही हो रहा है
नाचे वही है नर्तन, गाये वही है गाना
सब भेद है खयाली यह सच न भूल जाना
-अरुण

Comments

सदा said…
बेहतरीन ।

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