मुहब्बत ऐसी धड़कन है जो समझाई नहीं जाती



फ़िल्म के इस गीत में
गीतकार ने प्रेम-भाव को
बखूबी अभिव्यक्त किया है,
दरअसल, दिल की धडकनों को....
धड़कने ही समझ पातीं हैं.
समझाने का काम भले ही
मन-बुद्धि करती हो पर वह
धडकनों को महसूस करने में और इसीलिए
उन्हें समझाने में असमर्थ है,
ठीक वैसे ही जैसे कान
सामने धरी चीज को
देख नहीं पाते
-अरुण
  

Comments

Popular posts from this blog

मै तो तनहा ही रहा ...

पुस्तकों में दबे मजबूर शब्द

यूँ ही बाँहों में सम्हालो के