जीवन का निवास स्थान
जब भूत और भविष्य
वर्तमान
के लिए जगह छोड़ते हैं
वर्तमान
जाग उठता है,
जब
भूत से भविष्य या भविष्य से भूत
के
मार्गक्रमण का
वर्तमान
केवल एक जरिया बनता है
वह
मृत अवस्था में होता है.
मरा
हुआ भूत -भविष्य एवं जीवित वर्तमान,
इन
दोनों के बीच ही
जीवन
रहता है
-अरुण
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