किसी स्टंट-पूर्ण नेतृत्व की आस



यह बात तो अब साफ चुकी है कि
इस समय देश में जो राजनीतिक एवं प्रशासकीय निष्क्रियता का
माहोल बना हुआ है, उससे ऊबे-घबराये लोग,
किसी स्टंट-पूर्ण नेतृत्व की आस लगाये बैठे हैं.
पहले अन्ना को आजमाया, बाद में केजरीवाल के पीछे भीड़ जुटाई,  
बीच में रामदेव के राज(नीतिक)–योग से मुग्ध हुए और अब ...
नरेन्द्र मोदी से किसी करतब की उम्मीद कर रहे है ....
पता नहीं उनकी अपेक्षाएं कौन और कब पूरी करेगा ?
- अरुण

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