मनोविज्ञान और ज्ञान (बोध) में भेद



मनोविज्ञान अर्ध-जागे हुओं को
उनके सपने पढ़कर
जगाने की बात करता है
ज्ञान (बोध), अर्ध-जागों को धक्का देकर
पूरीतरह जगा देता है
-अरुण  

Comments

Popular posts from this blog

लहरें समन्दर की, लहरें मन की

लफ्जों की कश्तियों से.........

तीन पोस्टस्