शांति यानि मन-पकड़ से मुक्ति

मन की शांति के बारे में बहुत कुछ कहा सुना जाता हैै । विडम्बना तो ये हैै कि... मन ही अशांति का ज़रिया है । तो क्या मन की पकड़ से (मन से नही) मुक्त हुआ जा सकता है?... हाँ, हुआ जा सकता है । इस तरह की साधना जिनका अभीतक विषय नहीं बना, परंतु जिन्हें मन-शांति चाहिए ऐसे हम जैसे लोग, .....मन को दबानेवाली, नकारनेवाली मन रचित तरकीबों का सहारा पकड़ लेते हैं ....जपजाप, concentration, मन को divert करने जैसी सुप्रतिष्ठित नादानियों को पसंद करते हैं ।
- अरुण

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